अधिनियम का उल्लंघन करता हुआ कर्मचारी: हरिप्रसाद बरेले को किसका संरक्षण ": जनपद पंचायत माखन नगर नर्मदा पुरम;पूरी खबर के लिए लिंक पर क्लिक करें ।
दिलों में आग ,लबों पर गुलाब रखते हैं।।
सब अपने चेहरों पर दोहरा नकाब रखते हैं।।
यूं तो इन दिनों में भारतीय संविधान और उसका अस्तित्व ही लोकतंत्र की दृष्टि से खतरे में नजर आता है । कभी लोकतांत्रिक पार्टी के नेता तो कभी प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी अपने अधिकार का दुरुपयोग करते हुए नजर आते हैं , और देश के असामाजिक तत्व कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा देते हैं। और शासन ,प्रशासन अंकुश लगाने में विफल रहता है यह बड़ी दुर्भाग्य की बात है । फिर ऐसे में अन्य अधिनियम का पालन कैसे हो सकता है ?ठीक इसी तरह सूचना का अधिकार अधिनियम जिसके माध्यम से आदर्श हाउसिंग घोटाला , भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी घोटाला, वेदांत विश्वविद्यालय घोटाला, असम का सार्वजनिक वितरण घोटाला आदि ऐसे अनेक घोटालों का पर्दाफाश करने वाले सूचना के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन नर्मदा पुरम जिले में खुलकर हो रहा है । इसीक्रम जहां शहर के वरिष्ठ पत्रकारों ,समाजसेवी, व आम नागरिक द्वारा लोकहित में जानकारी चाही जाती है तो अधिनियम उल्लंघन खुलकर किया जाता है। ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत माखन नगर कार्यरत हरिप्रसाद बरेले के द्वारा किया जा रहा है। जहां आवेदकों के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी प्राप्त न होने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत माखन नगर के समक्ष अपील प्रस्तुत की जाती है तो कर्मचारी हरिप्रसाद बरेले द्वारा लोक सूचना अधिकारी के वकील या दलाल बनकर सुनवाई सुनिश्चित किए जाने की अपेक्षा लोक सूचना अधिकारी के वकील या दलाल बनकर पत्राचार का कार्य कर रहे हैं। यह कर किसके संरक्षण में हो रहा है यह कहना अभी मुश्किल है परंतु इस पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी चुप्पी सादे हुए हैं । यह विचार करने योग्य है।
ठीक इसी प्रकार का कार्य वन विभाग,सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम , शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा किया जा रहा है।
आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

