किसान समस्या पर उठते सवाल , प्रशासनिक व्यवस्था पर निशाना : पुष्पराज पटेल

कहने को तो है महफिल में चारागर बहुत।। हाल ये है कि बीमार को कोई पूछता नहीं।। मौजूदा सरकार किसानों की हिमायती बनती है बहुत और आल्हा अधिकारी उनके पैरोंकार हुए जातेहैं परंतु समस्या है की बढ़ती जा रही हैं। हर फसल के मौसम में किसानों को अपने हक के लिए आंदोलन करना पड़ता है सरकार की आंखों को खोलना पड़ता है।।इसी प्रकार समस्याओं और व्यवस्थाओं पर सवाल करते हुए जनता के लोकप्रिय जनप्रतिनिधि पुष्पराज पटेल जिला प्रशासन से निवेदन करते हुए कह रहे हैंमाननीय कलेक्टर महोदया जी,, नर्मदापुरम कि हमारे जिला में कुल 99 सेवा सहकारी समिति है जिनमें लगभग 90 हज़ार किसान पंजीकृत हैं । जिला में अपंजीकृत किसानों की संख्या लगभग दो लाख है और वनभूमि पर खेती करने वाले किसानों की संख्या भी लगभग 10 हज़ार है यानि कुल मिलाकर यह आँकड़ा लगभग 3 लाख हुआ । माननीय क्लेक्टर महोदया जी इन 3 लाख किसानों को खाद देने के लिए आपके पास कुल 6 डिपो यानि डबल लॉक हैं । ये हैं पिपरिया , सेमरी, बाबई, होशंगाबाद,इटारसी और बनापुरा । इसका मतलब ये है कि एक डिपो पर 50 हज़ार किसानों को खाद देना है? क्या ये संभव है? क्या आपको किसी अधिकारी ने जानकारी दी? मेरा आपसे अनुरोध है कि हमारे जन प्रतिनिधि तो कुछ करने से रहे पर आप कलेक्टर हैं व्यवस्था आपके हाथ में है कृपया प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 5-5 अतिरिक्त खाद डिपो स्थापित किए जायें, महोदया जी जब नगद में ही खाद देना है तो फिर परेशानी क्यों और कहाँ से आ रही है । महोदया जी एक पार्ले का बिस्किट का पैकेट जो 10 रू का सिवनी के शिवपुर में मिलता है वही केसला के सुखतवा में वही रेट में है वही बिस्किट का पैकेट शोभापुर मटकुली बनखेड़ी और चादोंन में तो दिक्कत कहाँ है । कृपया किसानों की समस्या पर संज्ञान लेकर इसे जल्द से जल्द दूर करें,,,
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